देश को पूँजीपतियों की लूट का खुला चरागाह बना देने का काम और अधिक कुशलता के साथ किया जाता है।
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इन नीतियों का मक़सद था कि देश की कुदरत और मेहनत दोनों को पूँजी के लिए खुला चरागाह बना देना।
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यही हाल पूरे बांसवाडा जिले की है जो डेरों वालों, अपराधियों और भिखारियों के लिए खुला चरागाह बना हुआ है।
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इस वक्त अरब जगत की सबसे चर्चित ख़बर अफ्रीका के उत्तरतम छोर पर बसे एक करोड़ से अधिक आबादी वाले टयूनिशिया में हुआ यह सत्तापरिवर्तन ही है, जिसे अरब जगत का पहला वास्तविक इन्कलाब कहा जा रहा है, जिसने भ्रष्टाचार, आर्थिक तंगी एवं राष्ट्रपति परिवार के ऐयाशियों का खुला चरागाह बनी हुकूमत को धराशायी किया है।
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एक ओर राष्ट्रीय रोज़गार गारण्टी योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की गयी, और दूसरी ओर विशेष आर्थिक क्षेत्रों के लिए खेती योग्य भूमि का अधिग्रहण, सार्वजनिक उपक्रमों को बेचा जाना, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा देकर देश के श्रम को बहुराष्ट्रीय कम्पनियों और देशी पूँजीपतियों की लूट के लिए खुला चरागाह बना देना, श्रम क़ानूनों को एक-एक करके ढीला करते जाना, शुरू कर दिया गया।